डिजिटल डेस्क। गर्दन का दर्द सिर्फ असहजता ही नहीं, बल्कि कई बार यह किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है। कई लोग इसे साधारण थकान या गलत सोने की आदत मानकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन अगर दर्द लंबे समय तक बना रहे या इसके साथ अन्य लक्षण भी दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। आइए जानते हैं गर्दन में तेज दर्द के प्रमुख कारण, इसके लक्षण और बचाव के तरीके।
1. मांसपेशियों में खिंचाव (Muscle Strain)
लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप पर झुके रहना, गलत पोजीशन में सोना या अचानक सिर को झटका लगना मांसपेशियों में खिंचाव पैदा कर सकता है। इससे गर्दन में दर्द, अकड़न और मूवमेंट में दिक्कत हो सकती है।
बचाव के उपाय
2. सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस (Cervical Spondylosis)
उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों और डिस्क में बदलाव आने लगते हैं, जिसे सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस कहते हैं। इसमें गर्दन के साथ-साथ कंधों और हाथों में भी दर्द हो सकता है।
बचाव के उपाय
हल्की एक्सरसाइज, फिजियोथेरेपी और सही बैठने की आदत अपनाएं।
3. नर्व पर दबाव (Nerve Compression)
कभी-कभी हड्डियों में उभरी हुई संरचनाएं या डिस्क का खिसकना नसों पर दबाव डाल देता है। इसके कारण न सिर्फ गर्दन बल्कि हाथ और उंगलियों में भी झनझनाहट, सुन्नपन या कमजोरी महसूस हो सकती है।
बचाव के उपाय
डॉक्टर की सलाह पर एमआरआई या एक्स-रे कराएं और सही इलाज लें।
4. चोट या एक्सीडेंट (Injury or Accident)
कार या बाइक एक्सीडेंट में व्हिपलैश इंजरी (सिर का अचानक आगे-पीछे होना) गर्दन की मांसपेशियों और लिगामेंट्स को नुकसान पहुंचा सकती है।
बचाव के उपाय
हेलमेट का इस्तेमाल करें और चोट लगने पर तुरंत मेडिकल सहायता लें।
5. इंफेक्शन या अन्य गंभीर बीमारी
कुछ मामलों में ट्यूबरक्लोसिस, मेनिनजाइटिस या कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के कारण भी गर्दन में दर्द हो सकता है।
बचाव के उपाय
लगातार दर्द, बुखार, वजन कम होना या सूजन जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।